India-Canada Hardeep Singh Nijjar Row: भारत-कनाडा (India-Canada) सरकार के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर मर्डर मामले में विवाद के बीच ये दावा किया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने 2022 में उसके भारत प्रत्यर्पण की मांग करते हुए कनाडाई अधिकारियों से संपर्क किया था. पंजाब पुलिस ने 1987 की प्रत्यर्पण संधि और 1998 की पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के अलावा इंटरपोल जैसे दूसरे संस्थानों से कार्रवाई करने की मांग कि थी. इसके बावजूद कनाडा ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की.
हरदीप सिंह निज्जर एकमात्र ऐसा व्यक्ति नहीं था, जिसके प्रत्यर्पण के लिए कनाडाई अधिकारियों से मांग की गई थी. आपको बता दें कि इसी साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर कुछ हमलावरों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी थी.
कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक निज्जर के प्रत्यर्पण अनुरोध को कनाडा सरकार ने उसकी मौत के बाद रद्द कर दिया गया था. निज्जर के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता लखबीर सिंह लांडा और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के नेता अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला के खिलाफ पहले से ही प्रत्यर्पण का अनुरोध डाला गया था.
NIA की तरफ से जुलाई में आरोप पत्र दायर करने के बाद और भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इंटरपोल ने लांडा, डाला, सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़, मलकीत सिंह फौजी, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला, गुरजीत सिंह चीमा और गुरप्रीत सिंह सहित अन्य के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है.
इसके अलावा, कनाडा में स्थित आधा दर्जन खालिस्तानी गैंगस्टरों के खिलाफ इंटरपोल के अधिक अनौपचारिक ब्लू नोटिस भी निकाले गए हैं.
इंटरपोल का सदस्य है कनाडा
भारतीय एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी कहना है कि कनाडा इंटरपोल का सदस्य है. इसके बावजूद उसने इंटरपोल के रेड नोटिस की अवहेलना की है. नियम के मुताबिक एक बार रेड नोटिस जारी होने के बाद सदस्य देश संदिग्धों को हिरासत में लेने के लिए बाध्य होता है. कुल मिलाकर, कनाडा में स्थित 21 प्रमुख गैंगस्टर हैं, जो भारतीय एजेंसियों की सूची में है और उनके खिलाफ विस्तृत सबूत भी है.
कई सारे सबूतों को भारतीय एजेंसियों ने कई मौकों पर रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के साथ साझा किए गए हैं. वहीं एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि वैंकूवर, सरे और ओटावा शहरों में कनाडाई पुलिस ने भी कुछ खालिस्तानी गुर्गों के खिलाफ मोस्ट वांटेड का नोटिस जारी किए हैं. हालांकि, इसके बावजूद संबंधित व्यक्ति खुलेआम घूमते हैं. हमारे पास कनाडाई पुलिस के साथ एक कॉर्डिनेशन सिस्टम बना हुआ है और इसके तहत नियमित सूचना आदान-प्रदान करते रहते हैं.
कनाडा के कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इसकी धरती का इस्तेमाल दुनिया में कहीं भी किसी भी आपराधिक गतिविधि के लिए नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद उनके तरफ से कोई भी विश्वसनीय कार्रवाई नहीं की जाती है.
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