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North Korea: उत्तर कोरिया ने हाल ही में सैन्य जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर नई सफलता हासिल की है. उत्तर कोरिया का दावा है कि उसका पहला जासूसी उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित होने के बाद से व्हाइट हाउस, पेंटागन और आसपास के अमेरिकी नौसैनिक स्टेशनों की तस्वीरें भेज रहा है. उत्तर कोरिया का यह दावा अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत जापान के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग अपनी सैन्य जासूसी उपग्रह की सफलता पर बेहद ही प्रसन्न हैं. राज्य के आधिकारिक मीडिया ने कहा कि किम जोंग उन ने पिछली तस्वीरों के साथ अतंरिक्ष से भेजी गई ताजा तस्वीरें देखी हैं. किम का दावा है कि उसकी सैटेलाइट की पहुंच में अब अमेरिका के सैन्य ठिकाने आ गए हैं. इसके साथ ही, दावा ये भी किया जा रहा है कि किम की मिसाइलें अब पहले से ज्यादा सटीक और ज्यादा अचूक प्रहार करने वाली हो जाएंगी.
अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर नजर रख रहे किम
रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य जासूसी उपग्रह ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के ठिकानों की तस्वीरें भेजी हैं. उत्तर कोरिया ने कहा था कि उपग्रह कुछ ठीक ट्यूनिंग के बाद 1 दिसंबर से औपचारिक रूप से अपना टोही मिशन शुरू करेगा, लेकिन आधिकारिक कोरियाई सेंट्रल समाचार एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि उपग्रह की ठीक ट्यूनिंग प्रक्रिया को एक या दो दिन पहले समाप्त करने के लिए जल्दबाजी की जा रही है. इसके साथ ही एजेंसी ने दावा किया कि उत्तर कोरिया ने नए जासूसी उपग्रह के जरिए अमेरिकी युद्धपोत USS कार्ल विंसन की भी तस्वीरें खींची हैं. जिन्हें गुआम के आसमान से 21 नवंबर को लिया गया था.
सैन्य जासूसी उपग्रह को लेकर रहस्य बरकरार
हालांकि सैन्य जासूसी उपग्रह चालू है या नहीं, इस बारे में बाहरी दुनिया से कोई पुष्टि नहीं हुई है. इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने अभी तक अपने नए उपग्रह द्वारा ली गई कोई भी तस्वीर सार्वजनिक नहीं की है. व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका स्वतंत्र रूप से उत्तर कोरियाई दावे की पुष्टि नहीं कर सकता है. प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान के प्रक्षेपण की निंदा करता है और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन बताता है.
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