‘मस्जिदों पर कब्जा कर उन्हें तोड़ना चाहिए…’ स्वीडन के इस नेता के बयान से मचा बवाल

‘मस्जिदों पर कब्जा कर उन्हें तोड़ना चाहिए…’ स्वीडन के इस नेता के बयान से मचा बवाल

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Jimmie Åkesson Row: यूरोपीय देश स्वीडन एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल, यहां के एक धुर-दक्षिणपंथी नेता जिमी एकेसन ने लोगों से अपील की है कि देश में अलोकतांत्रिक, स्वीडिश-विरोधी और यहूदियों के खिलाफ प्रचार फैलाने वाली मस्जिदों पर कब्जा करके उन्हें ध्वस्त कर देना चाहिए. उनकी इस अपील के बाद स्वीडन समेत दुनिया के दूसरे देशों में बहस छिड़ गई है.

स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन की सरकार का समर्थन करने वाली स्वीडन डेमोक्रेट्स (एसडी) पार्टी के नेता जिमी एकेसन ने यह बातें शनिवार (26 नवंबर) को पार्टी की वार्षिक कांग्रेस में एक भाषण के दौरान कहीं. उन्होंने कहा, “हमें उन मस्जिदों को भी जब्त करना और ध्वस्त करना शुरू करना चाहिए जहां लोकतंत्र विरोधी, स्वीडिश विरोधी, समलैंगिकता विरोधी, यहूदी विरोधी प्रचार या दुष्प्रचार फैलाया जाता है.”

पीएम क्रिस्टर्सन ने बयान जारी कर निंदा की

वहीं, एकेसन के इस बयान के बाद उठे विवाद को देखते हुए स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन को बयान जारी करना पड़ा है. प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन ने मस्जिदों को ध्वस्त करने के उनके बयानों की निंदा करते हुए सरकारी चैनल एसवीटी को बताया, “मुझे लगता है कि यह खुद को व्यक्त करने का एक अपमानजनक तरीका है. यह एक ध्रुवीकरण करने वाला तरीका है. इस तरह के बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीडन की छवि खराब होती है.”

एक्स पर भी देनी पड़ी स्वीडन के पीएम को सफाई 

यही नहीं एकेसन के बयान के बाद दूसरे देशों के विरोध को देखते हुए स्वीडन के पीएम को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी सफाई देनी पड़ी. उन्होंने यहां पोस्ट में लिखा, “स्वीडन में हम पूजा स्थलों को नष्ट नहीं करते हैं. एक समाज के रूप में हमें हिंसक उग्रवाद से लड़ना चाहिए, चाहे उसका आधार कुछ भी हो, लेकिन हमें एक लोकतांत्रिक और उदार राज्य के ढांचे के अंदर ऐसा करना चाहिए.”

पूर्व पीएम ने क्रिस्टर्सन से की ये मांग

इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने क्रिस्टर्सन से एसडी नेता की आधिकारिक तौर पर निंदा करने और मंत्रिमंडल में काम करने वाले सभी एसडी सदस्यों को बर्खास्त करने की मांग की. उन्होंने एक्स पर कहा, “यह स्वीडन की छवि को नुकसान पहुंचाता है, हमें नाटो में शामिल होने से रोकता है, इस तरह के बयान से हमारे देश में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है. इससे स्वीडन और स्वीडिश लोगों की सुरक्षा को खतरा होता है.”

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